भारत-पाकिस्तान विभाजन और महाशक्तियों का लाभ: एक विश्लेषण
भारत-पाकिस्तान विभाजन और महाशक्तियों का लाभ: एक विश्लेषण
भारत और पाकिस्तान के विभाजन का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान आता है। 1947 में, जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तब धार्मिक आधार पर देश का विभाजन किया गया। यह विभाजन ब्रिटिश साम्राज्य की "फूट डालो और राज करो" नीति का परिणाम था। लेकिन इसके दूरगामी प्रभाव केवल एशियाई उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं रहे, बल्कि इससे विश्व राजनीति में भी कई महाशक्तियों को लाभ मिला।
1. युद्ध और हथियारों का व्यापार:
भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक कई युद्ध हो चुके हैं (1947, 1965, 1971 और 1999)। इन युद्धों का सीधा लाभ दो प्रमुख महाशक्तियों, अमेरिका और रूस (सोवियत संघ) ने उठाया है। दोनों देशों ने अपने-अपने भौगोलिक और राजनीतिक हितों के लिए भारत और पाकिस्तान को हथियार बेचे।
अमेरिका: पाकिस्तान के साथ उसकी घनिष्ठता शुरू से रही है। शीत युद्ध के समय, पाकिस्तान को अमेरिका ने अपनी सामरिक नीतियों के तहत आर्थिक और सैन्य सहायता दी। उदाहरण के लिए, एफ-16 फाइटर जेट्स और अन्य उन्नत तकनीकी हथियार।
रूस (सोवियत संघ): भारत के साथ रूस का रणनीतिक संबंध रहा है। भारत ने मिग-21, टी-90 टैंक और अन्य सैन्य उपकरण रूस से खरीदे।
2. हथियारों की दौड़:
भारत और पाकिस्तान के बीच शस्त्रों की होड़ ने वैश्विक हथियार निर्माताओं के लिए बड़ा बाजार खोल दिया। दोनों देशों की आपसी दुश्मनी का सीधा फायदा इन देशों ने उठाया:
- अमेरिकी हथियार कंपनियां: रेथियॉन, लॉकहीड मार्टिन, बोइंग जैसी कंपनियां पाकिस्तान को हथियार बेचती रहीं।
- रूसी हथियार कंपनियां: रोसोबोरोनएक्सपोर्ट जैसे संगठन भारत को आधुनिक सैन्य उपकरण प्रदान करते हैं।
3. भूराजनीतिक लाभ:
भारत-पाकिस्तान तनाव ने अमेरिका और रूस को अपने-अपने भू-राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने का मौका दिया:
- अमेरिका: पाकिस्तान को चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए इस्तेमाल करता है। साथ ही, अफगानिस्तान में रणनीतिक उद्देश्यों के लिए पाकिस्तान महत्वपूर्ण बना रहा।
- रूस: भारत को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में देखता है और एशिया में चीन के साथ शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए भारत का समर्थन करता है।
4. स्थानीय अर्थव्यवस्था और खर्च:
भारत और पाकिस्तान अपनी जीडीपी का बड़ा हिस्सा रक्षा बजट पर खर्च करते हैं। इसके चलते सामाजिक और आर्थिक विकास प्रभावित होता है।
- भारत: 2023 में, भारत का रक्षा बजट 70 बिलियन डॉलर से अधिक था।
- पाकिस्तान: पाकिस्तान का बजट कम होने के बावजूद उसकी जीडीपी का बड़ा हिस्सा रक्षा पर खर्च होता है।
निष्कर्ष:
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और युद्धों का सबसे बड़ा लाभ हथियार बनाने वाले देशों को हुआ है। अमेरिका और रूस ने अपने आर्थिक और सामरिक हितों को साधने के लिए इन देशों के तनाव को अप्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहित किया। यदि भारत और पाकिस्तान अपनी शत्रुता को समाप्त कर सहयोग की दिशा में काम करें, तो यह न केवल उनके नागरिकों के लिए, बल्कि पूरे एशिया के लिए लाभकारी होगा।
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